(भारत सरकार का उद्यम)
सीआईएन नं.: U74899DL1953601002220
हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (एचपीएल), सबसे पुरानी सीपीएसई में से एक है जो आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन कार्य करती है। प्रीफैब प्रौद्योगिकी के अग्रणी एचपीएल को उन लोगों की आवासीय जरूरतें पूरी करने के लिए 1948 में एक विभाग के रूप में स्थापित किया गया था जो भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान से पलायन कर भारत आए थे। बाद में 1953 में एचपीएल को हिंदुस्तान हाउसिंग फैक्टरी लिमिटेड के नाम से एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया। 1955 में इसे सीपीएसई बना दिया गया। 9 मार्च 1978 को कंपनी का नाम बदलकर हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (एचपीएल) कर दिया गया।
समय बीतने के साथ-साथ, एचपीएल ने निर्माण उद्योग और भारतीय रेलवे को पूर्व-निर्मित उपकरणों की आपूर्ति के अलावा सिविल इंजीनियरिंग संरचनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण किया है। एचपीएल उन अग्रणी कंपनियों में आती है जिन्होंने काष्ठ और स्टील रेलवे स्लीपरों की शुरूआत की। एचपीएल रेलवे पुलों के निर्माण के लिए रेलवे सेतु कड़ियों का उत्पादन करने वाली पहली कंपनी है। एचपीएल को पूर्वनिर्मित कंक्रीट और पूर्व–निर्माण तकनीक के प्रयोग से बहुत-सी आवासीय, औद्योगिक, और संस्थागत इमारतों के निर्माण के लिए जाना जाता है। एचपीएल द्वारा दिल्ली की जमीन पर बनाई गई संरचनाओं में अशोक होटल, पालम हवाई अड्डा टर्मिनल भवन, राम कृष्ण पुरम में पूर्व और पश्चिम ब्लॉक की इमारतों, आईपी एस्टेट में विकास भवन में कुछ इमारतें, इन सबमें पूर्वनिर्मित निर्माण घटकों का उपयोग किया गया है। ओबेराय समूह के प्रमुख होटल, होटल ओबराय इंटरकांटिनेंटल में एचएफएल द्वारा निर्मित पूर्व- निर्मित घटकों का इस्तेमाल किया गया था।
वैकल्पिक तौर पर एक सरोकार बने रहने के लिए, एचपीएल ने परियोजना प्रबंधन के ठेके लेने पर ध्यान केंद्रित किया। आज एचपीएल एक ऐसी प्रमुख सीपीएसई है जिसका उद्देश्य सिविल निर्माण परियोजनाओं में उच्च प्रौद्योगिकीय परियोजना प्रबंधन परामर्श सेवाएं प्रदान करना है। जिनमें विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत आने वाली बड़े पैमाने की आवास परियोजनाएं, केन्द्र तथा राज्य सरकार और उनकी एजेंसियों के शैक्षणिक, अस्पताल और अन्य संस्थागत भवन आते हैं। एचपीएल को सौंपे गए काम पारंपरिक और पूर्वनिर्मित प्रौद्योगिकियों, दोनों से गुणवत्ता और समय पर समापन सुनिश्चित करते हुए निष्पादित किए जाते हैं।
एचपीएल भारत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार "टर्नअराउंड सीपीएसई" है। भारत सरकार द्वारा नकद धन लगाए बिना वित्तीय पुनर्गठन के रूप में 31.03.2008 को 128 करोड़ रुपए के ऋण और ब्याज का इक्विटी में अंतरण कर एचपीएल का वित्तीय पुनर्गठन अनुमोदित किया था। पुनर्गठन के फलस्वरूप, एचपीएल को सरकार की ओर से कोई बजटीय सहायता प्राप्त नहीं हुई है और इसने धनात्मक निवल मूल्य बनाए रखा है।